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Moratorium: पहले नहीं लिया EMI टालने का विकल्प, क्या अब मिल सकती है 3 महीने की सुविधा

EMI Moratorium: लॉकडाउन में आपकी आय प्रभावित हुई है तो आप रिजर्व बैंक आफ इंडिया द्वारा मोरेटोरियम की अवधि को 3 महीने और बढ़ाए जाने की सुविधा ले सकते हैं. आरबीआई ने अब कुल 6 महीने तक आपको अपने लोन की किस्त टालने की सुविधा दे दी है. आरबीआई के निर्देश के बाद ज्यादातर बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों ने ग्राहकों को विकल्प देना शुरू कर दिया है. बहुत से ऐसे लोग हैं, जिन्होंने मार्च से मई तक के मोरेटोरियम को नहीं लिया था. लेकिन अब आय प्रभावित होने से अगले 3 महीने के लिए किस्त टालने की सुविधा का लाभ लेना चाहते हैं. लेकिन उनके मन में सवाल यह उठ रहा है कि अगर पहले मोरेटोरियम नहीं लिया है तो क्या अबसे अगले 3 महीने का लाभ ले सकते हैं.

पहले नहीं लिया तो भी ले सकते हैं विकल्प

देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड ने ग्राहकों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कहा है कि अगर आपने पहले 3 महीने के मोरेटोरियम का लाभ नहीं लिया है तो नए सिरे से अगले 3 महीने के लिए ईएमआई टालने का विकल्प ले सकते हैं. इस दौरान जो ब्याज बनेगा, वह लोन में जुड़ जाएगा. उस लिहाज से नई किस्त तैयार होगी. अगर ईएमआई पहले की ही तरह रखनी है तो किस्त का टेन्योर बए़ जाएगा.

1 जून से 31 अगस्त तक टाल सकते हैं किस्त

पहली बार बैंकों और एनबीएफसी ने 1 अप्रैल से 31 मई तक मोरेटोरियम का विकल्प दिया था. अब यह 1 जून से 31 अगस्त 2020 तक के लिए होगा. अगर आपको मोरेटोरिम नहीं लेना है या आगे नहीं बढ़ाना है तो इसके लिए कुछ भी करने की जरूरत नहीं है. जून से महीने की किस्त कटनी शुरू हो जाएगी.

अगर नया लोन है

एचडीएफसी ने जानकारी में साफ किया है कि मोरेटोरियम की सुविधा उन्हीं को मिलेगी, जिन्होंने 29 फरवरी से पहले लोन डिस्बर्स कराया है. 1 मार्च से 31 मई तक के बीच में लोन डिस्बर्स कराने वालों को यह फायदा नहीं मिलेगा.

डेडलाइन

इसके लिए बैंकों ने एक डेडलाइन भी तय कर दी है, जिसके अंदर आवेदन कर 1 जून से 31 अगस्त 2020 तक के लिए मोरेटोरियम ले सकते हैं या पहले से चल रहा है तो इसे बढ़ा सकते हैं. एचडीएफसी लिमिटेड ने अपने ग्राहकों को इसके लिए 20 जून तक की डेडलाइन दी है.

छूट नहीं, सिर्फ EMI टालने का विकल्प

लेकिन यह साफ ​करना भी जरूरी है कि यह सिर्फ ईएमआई को 6 महीने टालने का विकल्प है. ऐसा नहीं है कि बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां 6 महीने ईएमआई नहीं लेंगी. इन 6 महीनों की किस्त को आगे एडजस्ट किया जाएगा. इसे कैसे एडजस्ट किया जाएगा, इसके लिए बैंक विकल्प भी दे रहे हैं, जिन्हें सावधानी से चुनने की जरूरत है. इसके लिए आपको यह देखना होगा कि बैंक जिस तरह के विकल्प दे रहे हैं, उनमें से आप किसके लिए तैयार हैं. बेहतर तो यह है कि अगर जरूरत न हो तो पहले की तरह ही ईएमआई कटने दें.

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