नई दिल्ली. सरकार (Government of India) ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए पीपीएफ (PPF) में न्यूनतम जमा की आखिरी तारीख 30 जून तक बढ़ा दी है. पहले इसकी समयसीमा 31 मार्च 2020 थी. अगर आपने न्यूनतम रकम 500 रुपये इस महीने के अंत तक जमा नहीं की तो आप पर जुर्माना लग सकता है. इसी तरह अगर आप अपने रिकरिंग डिपॉजिट (RD Account) अकाउंट में अप्रैल और मई 2020 में पैसे जमा नहीं करवा पाए हैं तो 30 जून तक बिना किसी जुर्माने के निवेश कर सकते हैं. इस तारीख के बाद पैसे जमा करवाने पर जुर्माना लगेगा.
30 जून तक जरूरी है ये काम करना-अगर आप 31 मार्च, 2020 को मैच्योर हो चुके पीपीएफ अकाउंट को आगे जारी रखना चाहते हैं और लॉकडाउन की वजह से नहीं करा पाए हैं तो आपके पास ऐसा करने के लिए 30 जून तक का समय है. डाक विभाग ने इस बारे में 11 अप्रैल को एक सर्कुलर जारी किया था. इसके मुताबिक पीपीएफ अकाउंट को आगे बढ़ाने का फॉर्म जमा करने की आखिरी तारीख 30 जून कर दी गई है.
इस साल सरकार ने बदले PPF खाते के ये नियम
(1) PPF खाते में जमा रकम के नियम-PPF में जमा की जाने वाली रकम की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन PPF अकाउंट खोलने के लिए मिनिमम अमाउंट (Minimum Amount in PPF) में कुछ बदलाव किया गया है. इस बदलाव के बाद अब अगर कोई व्यक्ति अपने अकाउंट में या किसी नाबालिग बच्चे के अकाउंट में पैसे जमा करता है तो उसे ध्यान रखना होगा कि यह रकम 500 रुपये से कम नहीं होनी चाहिए और यह 50 रुपये के मल्टीपल में होनी चाहिए. एक वित्तीय वर्ष में PPF अकाउंट में अधिकतम 1.5 लाख रुपये ही निवेश किया जा सकता है. इसके पहले PPF सब्सक्राइबर्स 5 रुपये के मल्टीपल में कोई भी रकम जमा कर सकते थे. PPF अकाउंट खोलने के लिए अब फॉर्म ए की जगह फॉर्म 1 भरना होगा.
नए नियम में 12 बार पैसे जमा करने की सीमा को खत्म कर दिया गया है. मतलब अब आप एक महीने में एक से ज्यादा बार भी PPF में पैसे जमा कर सकते हैं.
(2) मैच्योरिटी के नियम- PPF अकाउंट की मैच्योरिटी पीरियड 15 साल की होती है. इसके बाद अगर कोई इस अकाउंट को अगले 5 साल के लिए आगे बढ़ाता है तो इसके लिए उन्हें मैच्योरिटी पीरियड खत्म होने से 1 साल के अंदर ही फॉर्म 4 जमा करना होगा. पहले इसके लिए फॉर्मा एच भरना होता था.
(3) PPF खाते से रकम निकालने के नियम- इसी प्रकार अगर कोई मैच्योरिटी के बाद भी बिना कोई डिपॉजिट किए भी PPF अकाउंट को जारी रखा जा सकता है. ऐसा करने पर मैच्योरिटी के समय जो भी रकम होगी, उसपर ब्याज मिलता रहेगा. इसके ब्याज के बारे में समय-समय पर सब्सक्राइबर (PPF Subscribers) को जानकारी भी दी जाएगी. अगर बिना किसी डिपॉजिट के भी PPF अकाउंट को मैच्योरिटी के बाद भी जारी रखा जाता है तो सब्सक्राइबर को एक वित्तीय वर्ष में एक बार निकासी का मौका मिलेगा.
(4) PPF लोन पर ब्याज दर-PPF अकाउंट के आधार पर लोन लेने के बाद इसका प्रिंसिपल अमाउंट पे-इन-स्लिप के जरिए जमा किया जा सकता है और इसे सब्सक्राइबर के लोन अकाउंट में ही क्रेडिट किया जाएगा. जब प्रिंसिपल अमाउंट पूरी तरह से चुका दिया जाएगा, तो सब्सक्राइबर्स सालाना 1 फीसदी की दर से ब्याज के आधार पर दो महीने से कम के इन्स्टॉलमेंट में ब्याज की रकम जमा कर सकते हैं. यह भुगतान लोन भुगतान होने के अगले माह से ही शुरू हो जाएगा. अगर लोन की रकम को समय पर नहीं चुकाया जाता है तो इसके लिए पेनाल्टी के तौर पर सालाना 6 फीसदी की दर से ब्याज देना होगा.
(5) कैसे कैलकुलेट होगा ब्याज-पूरी महीने की रकम पर ब्याज पाने के लिए सुझाव दिया जाता है कि हर महीने की 5 तारीख से पहले ही PPF अकाउंट में डिपॉजिट कर दिया जाए. अगर आप किसी PPF इंटरेस्ट कैलकुलेटर का इस्तेमाल करते हैं तो आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि ब्याज हर महीने PPF अकाउंट में जमा सबसे कम रकम के आधार पर जोड़ा जाता है. यह रकम हर महीने की 5 तारीख से लेकर महीने के अंत में जो भी सबसे कम रकम होगी, उसी आधार पर जोड़ा जाएगा. बता दें कि हर तिमाही में सरकार PPF पर मिलने वाले ब्याज को रिवाइज करती है. ब्याज की रकम सब्सक्राइबर के खाते में हर वित्तीय वर्ष के अंत में दी जाती है.