अगर आप भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई के ग्राहक हैं तो ये खबर आपके लिए है. 10 जून से एसबीआई का एक नया नियम लागू होने जा रहा है. इसका फायदा करोड़ों ग्राहक ले सकते हैं. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं…
दरअसल, एसबीआई ने 10 जून से अपनी कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में 0.25 प्रतिशत की कटौती करने का ऐलान किया है. इस कटौती के बाद एक साल की अवधि की एमसीएलआर दर 7.25 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत हो गई है.
यहां आपको बता दें कि बैंक की ओर से लगातार 13वीं बार एमसीएलआर दर में कटौती की गई है. इससे पहले एसबीआई ने बाहरी बेंचमार्क से जुड़ी ब्याज दर (ईबीआर) को 7.05 प्रतिशत से घटाकर 6.65 प्रतिशत सालाना कर दिया था.
वहीं रेपो दर से जुड़ी ब्याज दर को 6.65 प्रतिशत से घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया है. हालांकि, ये नई दरें जुलाई में लागू होंगी.
ग्राहकों को कितनी बचत
बैंक की ओर से एक बयान में कहा गया है, ‘‘एमसीएलआर दर से जुड़े होम लोन की समान मासिक किस्त की राशि में 421 रुपये की कमी आएगी.
वहीं ईबीआर, आरएलएलआर से जुड़े होम लोन की मासिक किस्त में 660 रुपये की कमी आएगी. यह कैल्कुलेशन 30 साल की अवधि के 25 लाख रुपये तक के होम लोन पर की गई है. ’’
बता दें कि कोरोना संकट काल में लोन बांटने पर जोर दिया जा रहा है. इसके लिए केंद्रीय रिजर्व बैंक की ओर से बैंकों को प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है. यही वजह है कि रिजर्व बैंक ने लॉकडाउन में दो बार रेपो रेट में कटौती की है.
वर्तमान में रेपो रेट 4 फीसदी पर है, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है. इसके साथ ही आरबीआई ने बैंकों से इसका फायदा ग्राहकों तक पहुंचाने को कहा है. रेपो रेट वो दर होती है जिस पर आरबीआई, बैंकों को फंड मुहैया कराता है. इससे बैंकों के पास नकदी का इंतजाम होता है.