केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को मोटर वाहन अधिनियम से जुड़े अनिवार्य दस्तावेजों की वैधता तिथि बढ़ाकर 30 सितंबर तक करने का एलान किया. मंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को परामर्श जारी किया है. मंत्रालय की प्रेस रिलीज के मुताबिक कोविड-19 संकट की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए और इस संबंध में मिले अनुरोधों पर गौर करने के बाद गडकरी ने यह निर्देश जारी किए.
30 सितंबर तक बढ़ी वैलिडिटी
उन्होंने मंत्रालय से मोटर वाहन अधिनियम से जुड़े अनिवार्य दस्तावेजों को 30 सितंबर तक वैध समझे जाने के संबंध में परामर्श जारी करने के लिए कहा. इससे पहले मंत्रालय ने 30 मार्च को सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को एक परामर्श जारी कर वाहनों के ठीक स्थिति में होने के प्रमाणपत्र (फिटनेस सर्टिफिकेट), सभी प्रकार के परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस, पंजीकरण प्रमाणपत्र या दूसरे संबंधित दस्तावेजों को 31 मई 2020 तक वैध मानने के लिए कहा था. यह छूट एक फरवरी 2020 से 31 मई 2020 के बीच वैधता खत्म होने वाले दस्तावेजों के लिए दी गई थी.
पहले 30 जून तक बढ़ाई गई थी
बाद में प्रवर्तन अधिकारियों को सलाह दी गई कि वह ऐसे दस्तावेजों को 30 जून 2020 तक मान्य मानें और फिर 21 मई 2020 को मंत्रालय ने गजट अधिसूचना जारी कर केंद्रीय मोटर वाहन नियम-1989 के नियम-32 या नियम-81 के तहत शुल्क वैधता या अतिरिक्त शुल्क में 31 जुलाई 2020 तक छूट दे दी थी. मंत्रालय ने असामान्य परिस्थितियों के दौरान राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को मोटर वाहन अधिनियम के तहत उपलब्ध प्रावधानों या दूसरे कानूनों के तहत उपलब्ध ऐसे अन्य प्रावधानों, परमिट की आवश्यकता में छूट पर विचार के लिए कहा था.