कोरोना संकट की वजह से अगर किसी की नौकरी चली गई है, या फिर सैलरी में कटौती हो गई है. ऐसे लोग कोविड-19 पर्सनल लोन ले सकते हैं. कई बड़े बैंक इस समय बेहद कम ब्याज दर पर कोविड-19 पर्सनल लोन ऑफर कर रहे हैं.
एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, इंडियन बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, महाराष्ट्र बैंक और बैंक ऑफ इंडिया की ओर से कोविड-19 पर्सनल लोन दिए जा रहे हैं. कोरोना संकट से उबरने के लिए ये लोन ऑफर किए जा रहे हैं.
इसकी पहली खासियत यह है कि आम पर्सनल लोन के मुकाबले इस पर ब्याज कम लगता है. आमतौर पर पर्सनल लोन पर बैंक 8.75 फीसदी से लेकर 25 फीसदी तक ब्याज दर वसूलते हैं. लेकिन कोविड पर्सनल लोन पर ब्याज दर 7.20 फीसदी से 10.25 फीसदी के बीच है.
कोविड-19 पर्सनल लोन बैंक अपने मौजूदा ग्राहकों को दे रहे हैं, इसलिए अगर ऊपर दिए गए बैंकों में आपका खाता है तो फिर आप बहुत जरूरी होने पर कोविड-19 पर्सनल लोन ले सकते हैं. बैंकों का दावा है कि इसकी दर साधारण पर्सनल लोन की तुलना में कम होगी.
आमतौर पर बैंक पर्सनल लोन पर मनमाने तरीके से प्रोसेसिंग फीस चार्ज करता है, जो 2 फीसदी तक होता है. लेकिन अभी दिए जा रहे कोविड-19 पर्सनल लोन पर प्रोसेसिंग फीस अधिकतम 500 रुपये तक चार्ज किया जा रहा है. बैंकों का कहना है कि कोविड पर्सनल लोन मौजूदा ग्राहकों के लिए है, इसलिए प्रोसेसिंग फीस कम है
बैंक 25,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक कोविड-19 पर्सनल लोन दे रहा है. यह लोन अस्थाई नकदी संकट से उबरने के लिए है, इसलिए बैंक यह लोन तीन साल के लिए दे रहा है. यानी ग्राहकों को अधिकतम तीन साल में लोन की पूरी राशि लौटनी होगी. जबकि पर्सनल लोन में तीन साल से ज्यादा का वक्त मिल जाता है.
जानकारी के मुताबिक कोविड पर्सनल लोन देने से पहले बैंक ग्राहक की क्रेडिट प्रोफाइल और पिछला रिकॉर्ड देखता है. अधिकतर बैंकों में ये लोन की सुविधा 30 जून तक है. वैसे पर्सनल लोन से लोगों को बचना चाहिए. लेकिन अगर बेहद जरूरी है तो फिर आप 30 जून से पहले ब्रांच में जाकर पहले इसके बारे में विस्तार से जानकारी लें, उसके बाद ही अप्लाई करें.
इसके अलावा संकटकाल के समय दिए जा रहे इस कर्ज पर बैंकों ने कोई प्रीपेमेंट शुल्क नहीं रखा है. इसका अर्थ यह हुआ कि अगर कोई व्यक्ति आड़े वक्त में इस कर्ज को तीन साल के लिए लेता है और छह महीने बाद ही चुकता कर देता है उस पर शुल्क नहीं वसूला जाएगा.