प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विस्तार से आर्थिक पैकेज के बारे में देश को बताया. पीएम मोदी ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज को ‘आत्मनिर्भर भारत’ पैकेज नाम दिया है. उन्होंने कहा कि इसमें हर एक वर्ग का हिस्सा है. अब एक आदमी को आज के ऐलान से क्या फायदा होने वाला है, ये आपको बताते हैं.
दरअसल, सरकार ने मार्च में 15 हजार से कम वेतन वाले कर्मचारियों के एम्प्लॉयी और एम्पलॉयर, दोनों के हिस्से का 12-12% फीसदी रकम PF खाते में जमा कराने का ऐलान किया था. कोरोना संकट की वजह से सरकार मार्च से रकम डाल रही है और अब अगस्त तक डालने का ऐलान किया है. यानी कर्मचारियों के PF खाते में 6 महीने तक सरकार पैसा डालेगी.
इस बीच जिनकी सैलरी 15 हजार रुपये से ज्यादा है, उन्हें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ी राहत दी है, जिससे अब उनकी इन हैंड सैलरी बढ़ जाएगी. ऐसे कर्मचारियों की तीन महीने तक बढ़कर सैलरी आएगी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि योगदान 12% से कम करके 10% कर दिया गया है. बता दें, इस बदलाव से पहले सभी कर्मचारी के (बेसिक+डीए) से 12 हिस्सा PF रकम के तौर पर काटी जाती थी, और अलग 12 फीसदी रकम एम्पलॉयर की ओर डिपॉजिट की जाती थी.
लेकिन अब अगले तीन महीने तक 12 फीसदी की जगह 10 फीसदी रकम एम्प्लॉयी और एम्पलॉयर की ओर से PF में डाले जाएंगे. यानी 2-2 फीसदी PF की राशि कम कटेगी, इससे हर कर्मचारी को करीब 4 फीसदी पीएफ वाली रकम सैलरी में जुड़कर आएगी. सरकार के मुताबिक अगस्त तक ‘इन हैंड’ सैलरी बढ़कर मिलेगी. हालांकि केंद्रीय कर्मचारियों को ये लाभ नहीं मिलेगा. उनका कंट्रीब्यूशन 12 फीसदी ही रहेगा.
अब आइए बताते हैं कि एक कर्मचारियों पीएफ कम कटने से कितनी बचत होगी. मान लीजिए किसी की सैलरी 50 हजार रुपये महीने है, और उन्हें इन हैंड करीब 45 हजार रुपये मिलता है, 50 हजार रुपये की CTC पर (बेसिक+डीए) करीब 16 हजार रुपये होता है. इस हिसाब से कर्मचारी की सैलरी से 12 फीसदी यानी 1920 रुपये पीएफ खाते में ट्रांसफर होता है. जबकि इतनी की राशि इंप्लायर भी कर्मचारी के पीएफ अकाउंट में डालता है. ये आंकड़ 12 फीसद पीएफ के हिसाब से जोड़ा गया है.
अब अगले तीन महीने तक कर्मचारियों के 10 फीसद पीएफ कटेंगे, यानी 50 हजार वेतन वाले कर्मचारी को करीब (320 +320) यानी 640 रुपये की बचत होगी. क्योंकि इंप्लाई और इंप्यालर दोनों के 2-2 फीसद पीएफ कम कटेंगे. यानी अगली सैलरी इन हैंड करीब 45 हजार 640 रुपये रुपये मिलेगी. हालांकि इससे पीएफ में कंट्रीब्यूशन कम हो जाएगा.
हालांकि कुछ कंपनियां एम्पलॉयर का हिस्सा भी कॉस्ट टू कंपनी (CTC) में जोड़ देती है. जबकि कुछ अलग से कंट्रीब्यूट करती हैं. ऐसे जो कंपनियां अलग से देती हैं वो अब क्या सरकार से मिले फायदे को कर्मचारियों को सैलरी में देगी या फिर खुद रख लेंगी, अगर कंपनी खुद रख लेती है तो फिर कर्मचारियों को इस बदलाव से 320 रुपये सैलरी बढ़कर मिलेगी.
एक नुकसान भी…
इससे 6750 करोड़ रुपये का लिक्विडिटी सपोर्ट अगले तीन महीने के दौरान मिलेगा. हालांकि इससे कर्मचारियों को एक नुकसान भी है, उन्हें पीएफ की रकम पर 80c के तहत आयकर छूट मिलती है. ऐसे में इन हैंड ज्यादा सैलरी आने से टैक्स भी ज्यादा देना पड़ेगा. क्योंकि केवल पीएफ पर टैक्स छूट मिलती है.