नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान करीब दो महीने तक बंद रहने के बाद आज से देश में शॉपिंग मॉल, धार्मिक स्थल, होटल और रेस्तरां फिर से खुलने जा रहे हैं, जिनमें नए नियमों के तहत प्रवेश के लिए टोकन प्रणाली जैसी प्रणालियां होंगी, वहीं मंदिरों में प्रसाद आदि का वितरण नहीं होगा.
कोरोना वायरस (Corona) संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच इन सबके खुलने से नई चुनौतियां सामने आ सकती हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में अब भी 1,20,406 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं. मंत्रालय ने बताया कि कुल 1,19,292 लोग बीमारी से स्वस्थ हो गए हैं और एक मरीज विदेश चला गया है. मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अब तक करीब 48.37 प्रतिशत मरीज स्वस्थ हो चुके हैं.’ संक्रमण के कुल मामलों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एसओपी जारी किए जाने के बाद शॉपिंग मॉल, होटलों, रेस्तरां तथा धार्मिक स्थलों पर जाना अब लॉकडाउन लगने से पहले की तरह नहीं होगा. मॉल में सिनेमा हॉल, गेमिंग आर्केड और बच्चों के खेलने की जगहें पहले की तरह प्रतिबंधित स्थल में रहेंगी. एसओपी परामर्श वाली प्रकृति के हैं और केंद्र सरकार ने इनका ब्योरा तय करने का अधिकार राज्यों को दिया है.
मसलन पंजाब सरकार ने अपने दिशानिर्देशों के तहत मॉलों में प्रवेश के लिए टोकन देने की प्रणाली अपनाई है. गुजरात में कुछ धार्मिक स्थलों ने पालियों में प्रार्थना आयोजित करने का फैसला किया है और श्रद्धालुओं के आने के लिहाज से समय निर्दिष्ट करते हुए टोकन प्रणाली शुरू की है ताकि सामाजिक दूरी के नियम का पालन हो और भीड़-भाड़ नहीं हो.
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की कि दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पताल और निजी अस्पताल कोरोना वायरस संकट के दौरान केवल दिल्लीवासियों का इलाज करेंगे वहीं शहर की सीमाएं सोमवार से फिर खुल जाएंगी.
उन्होंने कहा, ‘हम कल दिल्ली की सीमाएं खोलने जा रहे हैं. मॉल, रेस्तरां और धार्मिक स्थल खुलेंगे लेकिन होटल और बैंक्वेट हॉल बंद रहेंगे क्योंकि हमें आने वाले समय में उन्हें अस्पतालों में तब्दील करना पड़ सकता है.’
वहीं केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने भी आठ जून से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के तहत 820 केंद्रीय संरक्षित स्मारकों को खोलने की मंजूरी दे दी है, जिनमें पूजास्थल हैं. केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल ने यह जानकारी दी.
केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के तहत कर्नाटक सरकार ने धार्मिक स्थलों के लिए सामाजिक दूरी बनाकर रखने, तीर्थ (पवित्र जल) या प्रसाद नहीं बांटने और विशेष पूजा अर्चना पर रोक रखने के नियम तय किए हैं. गोवा में चर्च और मस्जिदों को कुछ और समय तक बंद रखने का फैसला लिया गया है. महाराष्ट्र सरकार ने धार्मिक स्थलों को खोलने पर अभी फैसला नहीं किया है।
दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने कहा कि ऐतिहासिक मस्जिद सोमवार से खुलेगी जिसमें सुरक्षा के सभी कदम उठाए गए हैं.
उन्होंने हालांकि कहा कि सरकार को कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर धार्मिक स्थलों को खोलने पर पुनर्विचार करना चाहिए.
बुखारी ने कहा कि लोगों से कहा गया है कि वे मस्जिद में नमाज के लिए आने से पहले अपने घर में ही वजू करें. मस्जिद में वजू के काम आनी वाली हौज खाली कर दी गई है, नमाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दरियां हटा दी गई हैं और लोग अपने घरों से चटाई लेकर आएंगे. एक-दूसरे के शरीर से दूरी बरकरार रखने के लिए फर्श पर निशान बनाए गए हैं, ताकि लोगों के बीच पर्याप्त दूरी रह सके.
उन्होंने कहा कि सरकारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप बुजुर्गों, बच्चों और बीमार लोगों को मस्जिद आने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी स्थित सभी धार्मिक स्थलों को सोमवार से खुलने की अनुमति है.
वहीं दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सीसगंज, रकाबगंज और बंगला साहिब गुरद्वारों में भी संक्रमणमुक्ति सुरंग स्थापित की गई हैं.
सिरसा ने कहा, ‘समूचे परिसरों को नियमित तौर पर संक्रमणमुक्त किया जा रहा है. जिस स्थान पर लोग गुरु ग्रंथ साहिब को नमन करते हैं, उस स्थान पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है. एक-दूसरे के शरीर से दूरी सुनिश्चित करने के लिए प्रवेश और निकास बिंदुओं की संख्या बढ़ा दी गई है.’
उन्होंने कहा कि लोगों को सिर ढंकने के लिए कपड़ा नहीं दिया जाएगा, उन्हें अपना खुद का कपड़ा सिर पर रखना होगा. गुरुद्वारे में जूते-चप्पल संभालने का काम नहीं होगा और पैरों को साफ करने के लिए संक्रमणमुक्त पानी का इस्तेमाल किया जाएगा.
सिरसा ने कहा कि श्रद्धालुओं को गुरुद्वारों में बैठने की अनुमति नहीं होगी और अरदास करने के तुरंत बाद उन्हें बाहर जाना होगा.