नई दिल्लीः सोमवार से पूरे देश में वन नेशन-वन कार्ड की व्यवस्था शुरू होने जा रही है. 20 राज्यों में शुरू होने जा रही इस योजना से मुख्य तौर पर 67 करोड़ गरीब लोगों को फायदा पहुंचेगा. केंद्र सरकार की वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना की वजह से मूल राज्य के अलावा किसी दूसरे राज्य से भी राशन लिया जा सकता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज की घोषणा करते समय इसका जिक्र किया था.
शुरू होगा वन नेशन-वन कार्ड
देशभर में राशन कार्ड के लिए 1 जून से वन नेशन-वन कार्ड की योजना पूरी तरह से लागू हो जाएगी. इस स्कीम का ये फायदा होगा कि राशन कार्ड किसी भी राज्य में बना हो, उसका राशन खरीदने के लिए उपयोग दूसरे राज्य में भी हो सकता है. इससे गरीबों को बहुत फायदा पहुंचेगा.
राशन कार्ड धारकों को पांच किलो चावल तीन रुपये किलो की दर से और गेहूं दो रुपये किलो की दर से मिलेगा. कार्ड दो भाषाओं में – स्थानीय भाषा और हिन्दी अथवा अंग्रेजी में जारी होगा.
वित्त मंत्री ने कहा जिनके पास राशन कार्ड या कोई कार्ड नहीं है, उन्हें भी 5 किलो गेहूं, चावल और एक किलो चनेे की मदद दी जाएगी. 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को इसका फायदा होगा. इसमें 3500 करोड़ रुपए का खर्च होगा. राज्य सरकारों के जरिए इसे कारगर बनाया जाएगा. राज्यों के पास ही इन मजदूरों की जानकारी है. अगले दो महीने तक यह प्रक्रिया लागू रहेगी.
स्कीम से क्या-क्या होगा फायदा
- स्कीम का सबसे बड़ा फायदा गरीबों को मिलेगा.
- एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट होने वालों को मिलेगा फायदा.
- फर्जी राशन कार्ड पर रोक लगाने में भी मदद मिलेगी.
- सभी राशन कार्डों को आधार कार्ड से जोड़ने और प्वाइंट ऑफ सेल (Point of Sale, PoS) मशीन के जरिए अनाज बांटने की व्यवस्था जल्द शुरू होगी.
- 85 फीसदी आधार कार्ड पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन से जुड़ चुके हैं.
- 22 राज्यों में 100 फीसदी पीओएस मशीन लग चुकी है.
क्या हैं पूरी स्कीम
इस योजना से आम जनता अब किसी भी पीडीएस दुकान से बंधी नहीं रहेगी और दुकान मालिकों पर निर्भरता घटेगी और भ्रष्टाचार में कमी भी आएगी. इस स्कीम से सरकार सभी राशन कार्ड के लिए केंद्रीय भंडार बनाकर और उन्हें आधार से जोड़कर फुल पोर्टेबिलिटी की सुविधा देगी. इससे लोगों को आसानी होगी क्योंकि वह किसी एक राशन की दुकान से खरीदारी के लिए मजबूर नहीं होंगे.