विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) : विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को पूरे विश्व में मनाया जाता है. इसका उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरुकता फैलाना है. हर साल पर्यावरण दिवस थीम प्रकृति के संरक्षण, संवर्द्धन के लिए अलग-अलग निर्धारित की जाती है. इस बार साल 2020 की थीम है ‘समय और प्रकृति’ (Time for Nature). इसका मतलब है कि इस बार पृथ्वी और मानव विकास पर जीवन का समर्थन करने वाले आवश्यक बुनियादी ढांचे पर ध्यान दिया जाएगा. आइए जानते हैं विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास और क्यों मानते हैं विश्व पर्यावरण दिवस…
विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास:
विश्व पर्यावरण दिवस पहली बार संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा मनाया गया है. संयुक्त राष्ट्र संघ ने सन 1972 में पर्यावरण में होने वाले प्रदूषण पर स्टॉकहोम (स्वीडन) में दुनियाभर के देशों का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया था. इस सम्मेलन में दुनिया के 119 देशों ने भाग लिया था. सभी ने एक धरती के सिद्धांत को मान्यता देते हुए हस्ताक्षर किए. इसके बाद 5 जून को सभी देशों में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाने लगा. भारत में 19 नवंबर 1986 से पर्यावरण संरक्षण अधिनियम लागू हुआ.
पर्यावरण दिवस मनाने की वजह:
विश्व में पर्यावरण प्रदूषण की समस्या जब विकराल रूप अख्तियार करने लगी और संसाधनों के असंतुलित वितरण के कारण सभी देशों पर बुरा असर पड़ने लगा तो इन समस्याओं से निपटने के लिए वैश्विक मंच तैयार किया गया. इस दिवस को मनाने का उद्धेश्य पर्यावरण की समस्याओं को मानवीय चेहरा देने के साथ ही लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना था. साथ ही विभिन्न देशों, उद्योगों, संस्थाओं और व्यक्तियों की साझेदारी को बढ़ावा देना था ताकि सभी देश, समुदाय व पीढ़ियां सुरक्षित तथा उत्पादनशील पर्यावरण का आनंद ले सकें.