कैलिफोर्निया: कोरोना काल (Coronavirus) में अधिकांश कंपनियां अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा प्रदान कर रही हैं, लेकिन फेसबुक (Facebook) वर्क-फ्रॉम-होम की इस नीति को जारी रखना चाहती है. दुनिया की चौथी बड़ी कंपनी के CEO मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) का कहना है कि अगले 10 सालों में कंपनी के लगभग 50 फीसदी कर्मचारी रिमोट वर्किंग करेंगे, यानी उन्हें कार्यालय आने की जरूरत नहीं होगी. फेसबुक का यह फैसला कर्मचारियों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर सकता है, लेकिन इसमें एक ट्विस्ट भी है.
जिन कर्मचारियों को Work-From-Home का विकल्प दिया जाएगा, उनके सैलरी पैकेज में कमी आ सकती है. जुकरबर्ग का कहना है कि ‘हम बहुत अच्छी सैलरी देंगे, लेकिन वह मार्केट रेट पर आधारित होगी और यह लोकेशन के अनुसार भिन्न हो सकती है’. वर्क-फ्रॉम-होम से कंपनी के भोजन, बिजली और ऑन-कैंपस सुविधाओं पर होने वाले खर्चे में कमी आएगी, लेकिन उसे कर्मचारियों को आवश्यक उपकरण प्रदान करने पर ज्यादा खर्च करना होगा. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि इस फैसले का कंपनी के वित्त और कर्मचारी पैकेजों पर क्या प्रभाव पड़ेगा.
मार्क जुकरबर्ग ने कहा, ‘मुझे यकीन है कि 60 फीसदी कर्मचारियों को फ्लेक्सिबल वर्क एनवायरनमेंट पसंद आएगा और यदि विकल्प दिया जाए तो इनमें से 50 प्रतिशत किसी दूसरे शहर जाना पसंद करेंगे’. ऐसा इसलिए भी संभव है कि अगर कंपनी वर्क-फ्रॉम-होम पॉलिसी पर केंद्रित रहती है और कर्मचारियों के सैलरी पैकेज में कमी करती है, तो अपेक्षाकृत महंगे शहरों में रहने वाले कर्मचारी किफायती शहरों का रुख करना चाहेंगे. फेसबुक रिमोट-हायरिंग भी शुरू करेगा, जिसे अब तक की सबसे बड़ी रिमोट हायरिंग माना जा रहा है. गौरतलब है कि इससे पहले ट्विटर और माइक्रोसॉफ्ट ने भी घोषणा की थी कि वे कर्मचारियों को अगले नोटिस तक घर से काम करने देंगे.