नई दिल्ली: कोरोना युग में अब हवाई सफर के लिए तैयार हो जाइए. लॉकडाउन के बीच आप सभी के लिए एक अच्छी खबर आई है. 25 मई यानी सोमवार से देश में घरेलू उड़ानें शुरू हो जाएंगी. लेकिन अब हवाई यात्रा पहले जैसी नहीं रहेगी. कोरोना वायरस की वजह से कई नए नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन अब आपको करना होगा और इन्हें आपको अपनी नई आदतों में शामिल करना होगा. सबसे पहले हम आपको इन्हीं नियमों के बारे में बताते हैं.
आपको अपनी फ्लाइट के निर्धारित समय से 2 घंटे पहले ही एयरपोर्ट पहुंचना होगा. टर्मिनल बिल्डिंग में उन्हीं को अंदर आने दिया जाएगा, जिनकी फ्लाइट अगले 4 घंटे में जाने वाली होगी. सभी यात्रियों को मास्क और ग्लव्स पहनने होंगे. यात्रियों को सैनिटाइजर बॉटल भी रखनी होगी. यात्रियों के मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु ऐप होना जरूरी है.
14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए ये ऐप जरूरी नहीं है. अगर आरोग्य सेतु ऐप में आप सेफ नहीं दिखेंगे तो एयरपोर्ट में एंट्री नहीं मिलेगी. हालांकि अगर आपके मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु ऐप नहीं है, तो आपको एक डिक्लेरेशन देना होगा, आपको फ्लाइट से रोका नहीं जाएगा. एयरपोर्ट में एंट्री से पहले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी.
एयरपोर्ट पर आपको सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरा पालन करना होगा. एयरपोर्ट पर कोई फिजिकल चेकिंग नहीं होगी. सिर्फ ऑनलाइन चेक-इन करने वाले यात्रियों को ही फ्लाइट की अनुमति मिलेगी. सिर्फ एक ही चेक इन बैग और एक ही केबिन बैग की अनुमति दी जाएगी. बोर्डिंग पास आपको तभी मिल पाएगा, जब आप अपने बारे में कोरोना वायरस से जुड़ी हर जानकारी दोगे, कि कहीं कंटेंनमेंट जोन से तो नहीं आए. कहीं आप क्वारंटीन में तो नहीं हो, कहीं आप कोरोना पॉजिटिव तो नहीं पाए गए थे.
फ्लाइट के अंदर आपको कोई मील सर्विस नहीं मिलेगी, यानी खाना आपको नहीं मिल सकेगा. आपको न्यूज पेपर और मैगजींस भी उपलब्ध नहीं करवाई जाएंगी. आप एयरपोर्ट ट्रॉली का इस्तेमाल भी उचित कारण बताने पर ही कर सकेंगे.
घरेलू उड़ान सेवा शुरू करने के लिए एयरपोर्ट पर तैयारियां भी शुरू हो गई हैं.
अधिकतर एयरपोर्ट पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने के लिए मार्किंग की जा चुकी है. एयरपोर्ट में सीटों पर लोग अगल बगल ना बैठें और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन हो, इसके लिए बीच की सीटों की भी मार्किंग की गई है जिससे कि वहां पर कोई ना बैठ पाए. अभी शुरुआती तौर पर सिर्फ एक तिहाई विमानों को ही उड़ान की इजाजत दी गई है यानी एयरलाइंस अपनी क्षमता की 33 प्रतिशत ही फ्लाइट्स शुरू कर सकती हैं.
एयरलाइंस के लिए फिलहाल फ्लाइट टाइम के हिसाब से सात रूट तय किए गए हैं. जिसमें 30 मिनट, 40 मिनट, 90 मिनट, 120 मिनट, 150 मिनट, 180 मिनट और 210 मिनट की फ्लाइट हैं. सरकार की तरफ से अगस्त तक फ्लाइट टिकट के रेट भी फिक्स कर दिए गए हैं. जिससे एयरलाइंस मनमाना किराया ना ले सकें.
उदाहरण के तौर पर दिल्ली से मुंबई के लिए कम से कम 3500 रुपए और अधिकतम किराया 10 हजार रुपए ही रखा गया है. सभी एयरलाइंस को करीब 40 प्रतिशत सीटें न्यूनतम और अधिकतम किराए के बीच के रेट पर देनी होगी. जैसे दिल्ली से मुंबई की फ्लाइट के लिए 40 प्रतिशत टिकट 3500 रुपए और 10 हजार रुपए के बीच का रेट यानी 6700 रुपए से कम पर मिलेंगी. हालांकि एयरलाइंस के लिए एक राहत ये है कि प्लेन में बीच की सीट को खाली रखने का कोई नियम नहीं है.
सरकार ने तीन महीने के लिए जो न्यूनतम और अधिकतम किराया रखा है, उसमें 40 मिनट से कम की फ्लाइट के लिए 2000 रुपये से 6000 रुपए. 40 मिनट से 60 मिनट की फ्लाइट के लिए 2500 से 7500 रुपए. 60 से 90 मिनट की फ्लाइट के लिए 3 हजार से 9 हजार रुपए किराया रखा गया है.
वैसे सोमवार से शुरू हो रही उड़ानों के लिए एयरलाइंस ने अभी टिकट बुकिंग शुरू नहीं की है, कई दूसरे ऐप भी अभी बुकिंग नहीं ले रहे हैं. लॉकडाउन की वजह से सबने 31 मई तक की बुकिंग बंद कर रखी है. अब घरेलू उड़ानें शुरू करने के फैसले के बाद 31 मई तक की बुकिंग भी शुरू हो जाएगी. एयरलाइंस का कहना है कि वो अभी रूट तय कर रहे हैं कि किस रूट पर वो फ्लाइट्स शुरू करेंगे, उसके बाद टिकट बुकिंग शुरू की जाएगी. हालांकि आगे ये भी देखना होगा कि अधिकतम किराए के नियम का एयरलाइंस कितना पालन करेंगी.
भारत में एविऐशन सेक्टर को लॉकडाउन से बहुत बड़ा नुकसान हुआ है. इस सेक्टर में करीब 30 लाख लोगों को रोजगार मिलता है, लेकिन 2 महीने से सब ठप होने से लाखों लोगों के रोजगार पर संकट है. एक अनुमान के मुताबिक इस वर्ष इस उद्योग को करीब 25 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है. हवाई यात्रियों की संख्या के आधार पर भारत दुनिया का 5वां बड़ा देश है. भारत की एयरलाइंस के पास 600 से भी ज्यादा प्लेन हैं, पिछले वर्ष ही 25 करोड़ यात्रियों ने भारत में हवाई सफर किया था.