नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना (Corona) की महामारी से बचने के लिए सबसे बड़ी चुनौती ये है कि न ही अब तक इसका कोई पुख्ता इलाज सामने आया है और न ही जल्द इसकी वैक्सीन तैयार होने की कोई उम्मीद नजर आ रही है. ऐसे में वैज्ञानिक लगातार इसके इलाज से लेकर वैक्सीन पर शोध कर रहे हैं.
लॉकडाउन की सख्ती से बाहर आते देश
इसी बीच अमेरिका के सीडर-सिनाई मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने कोरोना के इलाज पर एक ऐसी रिसर्च की है जो इस महामारी से निपटने के लिए बेहद कारगर साबित हो सकती है. इस रिसर्च के मुताबिक कोरोना के मरीजों का इलाज हार्ट सेल थेरेपी से करने की तैयारी की जा रही है. इस थेरेपी में लैब में विकसित हृदय की कोशिकाओं को मरीज के शरीर मे इंजेक्ट किया जाता है.
ये कोशिकाएं इम्मयून सिस्टम को मजबूत करती हैं. शोधकर्ता दुआर्डो मार्बन के मुताबिक, ये कोशिकाएं एक खास तरह के एक्सोसोम्स शरीर मे छोड़ती हैं जो पूरे शरीर मे घूम कर कई बीमारियों में सूजन को कम करते हैं.
इस थेरेपी को CAP-1002 भी कहते हैं, जिसमे कार्डियोस्फेयर डेराइव्ड सेल्स का इस्तेमाल किया जाता है. ये कोशिकाएं लैब में इंसान के दिल के टिशू से बनाई जाती हैं. शुरुआती प्रयोग में इस थेरेपी की मदद से कुछ कोरोना संक्रमित मरीज ठीक हुए हैं.इतना ही नही शोधकर्ताओं के मुताबिक किसी भी मरीज में इस थेरेपी से कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखा है
जर्नल बेसिक रिसर्च इन कार्डियोलॉजी में छपीइस रिसर्च के मुताबिक इस थेरेपी का प्रयोग कोरोना के 6 मरीजों पर किया गया जिन्हें सांस लेने में तकलीफ थी. इस थेरेपी की मदद से इनमे से 5 मरीज जो वेंटिलेटर पर थे उन्हें ठीक किया गया और एक मरीज को ऑक्सिजन की ज़रूरत नही पड़ी. थेरेपी के 3 हफ्ते के बाद सभी 6 मरीजों को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया.
इस शोध में अहम भूमिका निभाने वाले शोधकर्ता राज मक्कड़ का कहना है कि इस रिसर्च को अब बड़े स्तर पर ट्रायल करने की तैयारी की जा रही है.