कोरोना वायरस के इस दौर में भारत दुनिया की मदद करने में जुटा हुआ है. किसी को दवाई चाहिए तो उसकी मदद की जा रही है. किसी के यात्री फंसे हैं तो उनकी मदद की जा रही है. लेकिन पाकिस्तान इन सबके बीच क्या कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंचते हैं तो वहां पर वह पाकिस्तान को उसकी हैसियत जरूर दिखाते हैं. अब जब भारत ने पीओके, गिलगिट-बाल्टिस्तान के मौसम की भविष्यवाणी की तो उसका खौफ बढ़ गया है.
हिंदुस्तान ने हाल ही में पाकिस्तान को पीओके, गिलगिट-बाल्टिस्तान का मौसम बताया. हिंदुस्तान ने पाकिस्तान को बताया कि पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) हमारा तो ही है, वहां मौसम भी हमारा है. पीओके की घर वापसी की ओर पहला कदम बढ़ गया है.
कोरोना वायरस काल में भी पाकिस्तान को जवाब देने का पीएम मोदी का मिजाज अब भी वही पुराना है. गुट निरपेक्ष (NAM) देशों के वर्चुअल सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने आतंकवाद का जिक्र किया था और पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग आतंक का जानलेवा वायरस, फर्जी खबरें और फर्जी वीडियो फैलाने में लगे हैं.
कोरोना से लड़ने के लिए हिंदुस्तान ने पाकिस्तान को मोहलत दी थी कि वो सोचें-समझें और फिर अपने देश की तरक्की के लिए काम करे. आतंकी चरित्र को बदलें. लेकिन कोरोना काल में पाकिस्तान ने जो गैर इंसानी हरकत की अब उसके बाद उसके हाथ से बहुत कुछ जाएगा. कश्मीर के सपने देखते-देखते वह पीओके के साथ-साथ अब गिलगिट-बाल्टिस्तान पर भी मुंह की खाएगा.
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने फिर दुनिया की दौड़ लगाई है कि कोई तो बचाओ. उन्होंने हाल ही में कहा कि मैं पाकिस्तान को निशाना बनाने वाले भारत के लगातार प्रयासों के बारे में दुनिया को आगाह कर रहा हूं. एलओसी के पार भारत के घुसपैठ के नए आधारहीन आरोप इस खतरनाक एजेंडे की निरंतरता हैं. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत के दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा को खतरे में डालने से पहले कार्य करना चाहिए.
कश्मीर पर पिटाई इमरान खान की सीने पर चुभ रही है. अब पीओके, गिलगिट पर भी आ गई है. हंदवाड़ा मुठभेड़ से पहले उन्हें सोचना चाहिए था. अब हिंदुस्तान के गुस्से का सैलाब आएगा, जिसमें पाकिस्तान का तिनके की तरह बह जाना तय है. हिंदुस्तान ने जो कहा था पाकिस्तान की हरकतों के बाद उस पर अमल करना शुरू कर दिया है.
मौसम विभाग की पाकिस्तान को चेतावनी
हर बार की तरह भारत मौसम विभाग ने जम्मू और कश्मीर के मौसम का पूर्वानुमान जारी किया. लेकिन इस बार इस पूर्वानुमान की हवा बदली हुई थी. मौसम विभाग ने जम्मू और कश्मीर के मौसम संबंधी सबडिवीजन के उल्लेख में बदलाव किया. सबडिवीजन जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, गिलगिट-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद के रूप में उल्लेखित किया.
ये संकेत है भारत के उस संकल्प का जिसके चलते भारत ने पीओके से अपना दावा कभी छोड़ा नहीं और अब तो कदम भी आगे बढ़ा दिए हैं. क्योंकि हिंदुस्तान के पीएम के सीने की कसक का सवाल है. मौसम विभाग ने पाकिस्तान को पीओके समेत गिलगिट- बाल्टिस्तान के मौसम की चेतावनी देना शुरू कर दिया है. कुछ दिन पहले की बात है जब पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गिलगिट-बाल्टिस्तान में चुनाव के लिए पाकिस्तान को इजाजत दे दी थी. तब भारत ने पाकिस्तान से साफ कह दिया था कि ये पीओके भी हमारा है जितनी जल्दी हो सके खाली कर दो.
पाकिस्तान इधर-उधर दौड़ लगा रहा है. लेटर लिख रहा है. बयानबाजी कर रहा है, लेकिन अब उस पर ये डर हावी हो रहा है कि क्या होगा उस दिन, जिस दिन वाकई पीओके तक हिंदुस्तान की सेना पहुंच जाएंगी. ऐसे में बेहतर होता कम से कम कोरोना संकट के समय पाकिस्तान ने भारत को छेड़ा नहीं होता. लेकिन जब छेड़ दिया तो भारत को याद आ गया कि छेड़ने वाले को कभी छोड़ता नहीं.