दुनिया में कोरोना वायरस के कारण हाहाकार मचा हुआ है. हर रोज कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है. भारत में भी कोरोना वायरस के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इस बीच कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर भारत ने एक अहम कदम बढ़ाया है.
कोरोना वायरस को मिटाने के लिए पूरी दुनिया में वैक्सीन की खोज की जा रही है. इटली और इजरायल जैसे देश कोविड-19 की वैक्सीन बनाने का दावा कर चुके हैं. वहीं अब भारत भी कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने की दिशा में बढ़ चुका है.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के साथ मिलकर देश में ही कोविड-19 के लिए वैक्सीन तैयार करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है. दोनों की कोशिश है कि कोरोना के इलाज के लिए देश में ही वैक्सीन तैयार की जाए.
कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार करने के लिए पुणे के लैब से वायरस स्ट्रेन को भारत बायोटेक को भेज दिया गया है. जानकारी के मुताबिक अगर वैक्सीन तैयार हो जाती है तो सबसे पहले जानवरों पर इसका ट्रायल किया जाएगा. जानवरों पर ट्रायल सफल होने के बाद इंसानों पर इसका ट्रायल किया जाएगा.
क्लीनिकल ट्रायल की पहल
आजतक के ई-एजेंडा कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘वैक्सीन से लेकर ड्रग्स की खोज आयुष की दवाओं को समर्थन देने के मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद नेतृत्व कर रहे हैं. आयुष की कुछ दवाओं को लेकर भारत के इतिहास में पहली बार क्लीनिकल ट्रायल की पहल हुई है. आने वाले समय में यह एक ऐतिहासिक कदम हो सकता है. भारत में भी वैक्सीन को लेकर वैज्ञानिक पूरा जोर लगा रहे हैं.’