दुनिया भर में कहर बरपाने वाले कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के ही वुहान शहर से हुई थी. ऐसे में अधिकांश देश चीन पर ही उंगली उठा रहे हैं लेकिन चीन इस वायरस के फैलने में अपनी भूमिका को नकारता रहा है. अब वहां कोरोना बीमारी से जुड़े एक रिसर्चर की हत्या के बाद फिर सवाल उठने लगे हैं.
दावे के मुताबिक पिट्सबर्ग मेडिकल सेंटर में काम करने वाले रिसर्चर डॉक्टर बिंग लिऊ ने कोरोना वायरस को लेकर कोई बहुत बड़ी खोज कर ली थी. बिंग लिऊ उसे सार्वजनिक करने ही वाले थे कि उससे पहले उनकी गोली मारकर हत्या कर दी. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या वो कुछ ऐसा बताने वाले थे जो चीन में कुछ लोग नहीं चाहते थे.
बिंग लिऊ पर हमला करने वाले शख्स ने बाद में खुद भी गोली मारकर आत्महत्या कर ली. बता दें कि 37 साल के बिंग लिऊ अकेले रहते थे और रॉस इलाके में उनके अपार्टमेंट में घुसकर एक आदमी ने उन्हें गोली मार दी.
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक लिऊ के सिर, गर्दन और शरीर के दूसरे हिस्सों में गोलियां लगीं थी जिससे उनकी मौके पर मौत ही हो गई. रिपोर्ट के मुताबिक जिस वक्त हमलावर उनके घर आया था उस वक्त डॉक्टर की पत्नी घर पर नहीं थीं.
यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग मेडिकल सेंटर ने रिसर्चर लिऊ की मौत पर दुख जताया और कहा कि वो कोरोना वायरस को लेकर एक बड़ी खोज के करीब पहुंच गए थे और जल्द ही उसका इलाज ढूंढने वाले थे.