केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों में लोगों की आवाजाही को लेकर खास दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इसमें कहा गया है कि प्रदेशों में फंसे लोगों के आने-जाने की अनुमति दी गई है. इनमें प्रवासी मजदूर, छात्र, तीर्थयात्री और पर्यटक शामिल हैं. यह अनुमति उन लोगों के लिए नहीं है जो अपने घरों में सामान्य जिंदगी जी रहे हैं. अपने कार्यस्थल पर आने-जाने की इजाजत इससे इतर है.
गृह मंत्रालय ने कहा कि राज्यों में बसों में लोगों को ले जाने या ट्रेन के संचालन की जो इजाजत दी गई है, वह भी फंसे लोगों के लिए है. यह अनुमति उन लोगों के लिए है जो लॉकडाउन की अवधि से पहले अपने स्थान से चल चुके थे लेकिन पाबंदी लगते ही वे अपने घर तक नहीं पहुंच पाए. ऐसे लोग अब राज्यों के दिशा-निर्देश में अपने गंतव्य तक की यात्रा कर चुके हैं. ऐसी कई खबरें आई हैं जिसमें देखा गया कि लोग दूर-दराज के इलाकों में फंसे हैं. वे अपने घरों को नहीं लौट सकते क्योंकि लॉकडाउन की पाबंदियां तो हैं ही, सवारी के माध्यम भी बंद हैं. सरकार ने अब ऐसे लोगों को राहत दी है.
इसमें वैसे लोग भी शामिल हैं जो एक प्रदेश से दूसरे प्रदेश की ओर निकल पड़े थे लेकिन वहां बॉर्डर पार करते ही पुलिस ने पकड़ लिया और आइसोलेशन सेंटर में डाल दिया. इन केंद्रों में लोगों को खाने-पीने जैसी चीजों का बंदोबस्त है लेकिन इनकी शिकायत रही है कि लॉकडाउन के कारण वे अपने घरों को नहीं जा सकते. कई राज्यों में ऐसे लोग फंसे हैं जिन्हें इस दिशा-निर्देश से फायदा मिलेगा.
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी प्रदेशों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) को पत्र लिखकर निर्देश दिया कि सुरक्षा के दूसरे स्तर की तैयारी की जाए. इस टीम में वैसे पुलिसकर्मियों को रखने की बात कही गई है जो कोरोना के संक्रमण से दूर हैं. गृह मंत्रालय ने निर्देश दिया कि सुरक्षा के दूसरे स्तर में होम गार्ड्स, सिविल डिफेंस, एनसीसी कैडेट्स, स्काउट व गाइड और स्टूडेंट पुलिस कैडेट को इसमें शामिल किया जा सकता है.