एक तरफ कोरोना के खिलाफ देश में लागू संपूर्ण लॉकडाउन अपने अंतिम पड़ाव की तरफ बढ़ रहा है तो दूसरी तरफ हर दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. प्रतिदिन मौत का ग्राफ भी काफी ऊंचा हुआ है. ऐसे में अब सबसे बड़ी चिंता जहां कोरोना के प्रकोप से बचना है तो वहीं ये सवाल भी हर किसी की जुबान पर है कि आखिर 14 अप्रैल को लॉकडाउन का पीरियड पूरा होने के बाद क्या होगा? क्या देशवासी अपने घरों से बाहर आ पाएंगे या उन्हें आगे भी लॉकडाउन जैसे हालात से ही गुजरना पड़ेगा.
देशवासियों के साथ ही इन तमाम सवालों पर सरकारों में भी मंथन चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस मसले पर चर्चा कर चुके हैं. मुख्यमंत्रियों से बैठक में ये भी कहा गया था कि जिला प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर लॉकडाउन पर प्लान भेजा जाए. इस तरह की तमाम जानकारियों का मूल्यांकन करने के बाद केंद्र सरकार बाकायदा एक खाका बनाने की तैयारी में है कि आखिर लॉकडाउन पर आगे क्या किया जाए.
आजतक को इस मसले पर सरकार के सूत्रों से एक्सक्लूसिव जानकारी मिली है. आजतक को जानकारी मिली है कि केंद्र सरकार लॉकडाउन के रिजल्ट से संतुष्ट है और तमाम पहलुओं पर विचार कर हर मुमकिन कदम उठाया जा रहा है.
क्या हटाया जाएगा लॉकडाउन?
सरकार का प्लान ये है कि लॉकडाउन अलग-अलग फेज में हटाया जाए. यानी जैसे 24 मार्च की रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में एक साथ 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन का ऐलान किया था, उस तर्ज पर 14 अप्रैल के बाद पूरे देश से एक साथ लॉकडाउन खत्म होने की संभावना नहीं है.
इस पर सरकार की योजना ये है कि जो इलाके कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, वहां लॉकडाउन जारी रखा जाए. यानी देश के वो इलाके जहां-जहां से कोरोना वायरस के केस सामने आए हैं और भविष्य में वहां कोरोना के फैलने की आशंका है वैसे इलाकों में लॉकडाउन जारी रखने की सरकार की योजना है.
ये मुमकिन है कि 14 अप्रैल के बाद कुछ इलाकों में लॉकडाउन खत्म कर दिया जाए, लेकिन सरकार ने कोरोना की मार से बचाव के लिए इसका वैकल्पिक रास्ता भी तैयार किया है. सरकार इस बात की योजना बना रही है कि लॉकडाउन हटाए जाने की स्थिति में भी धारा 144 को लागू रखा जाए ताकि भीड़ के जमा होने पर लगाम लग सके और कोरोना के फैलने का खतरा लॉकडाउन के बाद भी न बढ़े.
रेल और हवाई यात्रा को लेकर भी सरकार ने मंथन किया है. सूत्रों के मुताबिक, रेल और हवाई सेवा पर रोक 14 अप्रैल के बाद भी जारी रह सकती है. जानकारी के मुताबिक, 30 अप्रैल तक ये दोनों सेवाएं बंद रखी जा सकती हैं. इसके अलावा बस सेवा भी बंद रखने का भी प्लान है. प्राइवेट गाड़ियों पर भी रोक जारी रखने की योजना है.
फंसे लोगों को जाने की मिलेगी इजाजत?
अचानक लॉकडाउन होने के चलते बहुत ऐसे लोग हैं जो जहां थे वहीं फंसे हुए हैं. इनमें कई लोग अपने परिवारों से भी दूर हो गए हैं. लिहाजा, ऐसे लोगों के लिए सरकार की योजना स्पेशल पास देने की है. सरकार का प्लान है कि ऐसे लोगों के मेडिकल चेकअप कराने के बाद उन्हें स्पेशल पास देकर अपने-अपने घर जाने की इजाजत दी जाए.
इन तमाम मसलों पर राज्य सरकारों का एक्शन प्लान आना अभी बाकी है. बताया जा रहा है कि इस सप्ताह के आखिर तक जिला प्रशासन के मूल्यांकन के आधार पर सभी राज्य अपनी-अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजेंगे, जिसके आधार पर मोदी सरकार रोडमैप तैयार करेगी.
हालांकि, ये बात लगभग तय मानी जा रही है कि 14 अप्रैल को भले ही 21 दिन के लॉकडाउन की समयसीमा पूरी हो रही हो लेकिन इस बात की संभावना कम ही है कि उसके बाद भी पूरे देश को लॉकडाउन से राहत मिल जाए. साथ ही अगर कहीं लॉकडाउन हटाया भी जाता है तो एहतियात के तौर पर ऐसे इलाकों में धारा 144 लागू रखी जा सकती है ताकि कोरोना के खिलाफ चल रही देश की जंग कमजोर न पड़ सके. कुछ इलाकों में पहले ही ऐसे फैसले लिए जा चुके हैं. नोएडा में धारा 144 को 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है. बता दें कि यूपी में नोएडा कोरोना का सबसे बड़ा केंद्र है.