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जनसत्ता विशेष: कोरोना से बचाव के नुस्खे बताए स्वामी ने

इस समय पूरी दुनिया में डर का वातावरण बनाने वाले कोरोना वायरस से बचने के लिए योग गुरु स्वामी रामदेव ने कई देसी नुक्ते बताए हैं। साथ ही स्वामी रामदेव का कहना है कि इस वायरस से डरने की कोई जरूरत नहीं है। योग और आयुर्वेद में इस वायरस से बचने के लिए कई उपाय हैं।

उन्होंने पतंजलि शोध संस्थान हरिद्वार में किए गए अनुसंधानों के हवाले से कहा कि योग और देसी जड़ी-बूटियों से मनुष्य अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को इतना अधिक बढ़ा सकता है कि कोरोना जैसा विषाणु सेहत को नुकसान नहीं पहुंचा सकता।

उन्होंने दावा किया कि पतंजलि योगपीठ के शोध संस्थान में एक ऐसा देसी सैनिटाइजर तैयार किया है जिसको हाथों और मुंह में लगाने से किसी भी तरह का वायरस निष्प्रभावी हो जाता है। इस लेप में तुलसी, नीम, गिलोय और कपूर शामिल है।

योग गुरु का कहना है कि कोरोना विषाणु से सिर्फ सावधानी ही बचा सकती है। उनका कहना है कि इस वायरस अब तक छह हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 70 हजार से ज्यादा लोगों को बचाया जा चुका है। अब तक इस वायरस पर जितने भी शोध हुए हैं उनसे चार बातें सामने आई हैं कि जिन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और जो अस्थमा, दमा, सांस, हृदय, मधुमेह जैसे रोगों से रोग ग्रस्त हैं।

उन्हें अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पांच प्राणायामों भस्त्रिका, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी और उद्दीत करके अपनी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना चाहिए और इन प्राणायामों के अलावा इन अश्वगंधा, शतावरी और सफेद मूसली के रसायन का चूर्ण लेना चाहिए जो मनुष्य की शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता को निश्चय ही बढ़ाएगा।

स्वामी रामदेव ने दावा किया है कि उनके शोध संस्थान में गहन शोध के बाद यह तथ्य सामने आया है कि कोरोना वायरस का प्रोटीन मनुष्य के शरीर के प्रोटीन में मिलने से केवल अश्वगंधा चूर्ण ही सबसे ज्यादा प्रभावकारी है और अश्वगंधा रसायन कोरोना वायरस और मनुष्य के शरीर के प्रोटीन के बीच में सुरक्षा दीवार की तरह खड़ा रहता है और मनुष्य्य जीवन को कोरोना वायरस के दुष्प्रभाव से रोकता है।

गिलोय तुलसी नीम का रस मिलाकर पीने से मनुष्य की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। साथ ही सबसे ज्यादा विटामिन सी आंवला में पाया जाता है और फागुन के महीने में आंवले के फल में पूर्ण रसायन समावेश करते हैं, इसलिए फागुन के महीने का आंवला तुल्य कहा गया है और जो मनुष्य में प्रतिरोधक क्षमता कई गुना बढ़ाने में सहायक होता है, इसलिए रोज सुबह खाली पेट आंवले का फल, आंवले का रस या च्यवनप्राश का सेवन करना चाहिए।

हृदय रोगियों को कोरोना वायरस से बचाव के लिए अर्जुन की छाल और दालचीनी का चूर्ण गुनगुने से नियमित लेना चाहिए जो उन्हें सुरक्षा कवच की तरह स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करेगा और मधुमेह के रोगियों को भी इस वायरस से काफी खतरा रहता है। इन लोगों के लिए उत्तम स्वास्थ्य रक्षा की सबसे उत्तम विधि है योग और आयुर्वेद और प्राकृतिक जीवन पद्धति।

स्वामी रामदेव ने दावा किया है कि कोरोना वायरस से बचने का सबसे सरल उपाय है कागजी नींबू के रस को अदरक तुलसी और शहद युक्त गुनगुने पानी मिलाकर रोज सुबह खाली पेट सेवन करना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि पतंजलि योगपीठ ने नीम के पत्ते पानी में उबालकर उसमें कपूर और फिटकरी गिलोय का रस डालकर एक नेचुरल सैनिटाइजर बन जाता है जो बहुत कारगर है और इसके अलावा हाथ धोने के लिए नीम के साबुन का प्रयोग किया जाए जिससे कोरोना वायरस से बचा जा सकता है। स्वामी रामदेव ने बताया कि पतंजलि अनुसंधान संस्थान के शोध कार्य कई अंतरराष्ट्रीय जर्नल में भी प्रकाशित हुए हैं जिनकी विश्व भर में प्रशंसा हुई है।

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